इसमें दोनों की कॉल रिकार्डिंग सामने आई हैं। एक कॉल की बातचीत के अनुसार अंकित को जहर दे दिया और वह अंतिम सांसें गिन रहा था। तब चित्रा ने कॉल किया। कॉल को रिसीव करने के बाद अंकित लंबी सांसें ले रहा है और हांफती आवाज में हैलो-हैलो, बोलो। तब काफी देर बाद चित्रा जवाब देती है और कहती है कि कुछ न हो तो फांसी लगा लेना, गुडबाय। अंकित कहता है ओके, और कुछ खिलाना हो वो भी खिला दो। तब चित्रा कहती है बस ऐसे ही जान दे देना।
एक अन्य कॉल रिकार्डिंग में प्रेमिका अंकित को आने के लिए दबाव बनाती है। तब अंकित 16 मार्च को आने की बात कहता है। इसमें तमाम ऐसे शब्द कहे गए हैं, जिससे साबित हो रहा है कि चित्रा ने पहले से ही हत्या की पूरी योजना बना ली थी। इसमें प्रेमिका कहती है कि छाती ठोंक कर आना और छाती को पीटना भी। अंकित समझने का प्रयास करता है तो चित्रा बात को घुमा देती है। उसे बुलाने के लिए शाम का समय दिया जाता है।
यह था मामला
मृतक के चचेरे भाई शैलेश ने चित्रा के पति हेमंत और भाई अमित व सनी के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। बताया कि चित्रा और अंकित के बीच प्रेम संबंध थे और शादी करना चाहते थे, लेकिन चित्रा के परिजन तैयार नहीं थे और उन्होंने उसकी शादी बुलंदशहर में कर दी, लेकिन चित्रा के भाई अंकित से रंजिश मान बैठे थे। बताया जा रहा है कि शादी के बाद भी चित्रा अपने प्रेमी अंकित से मिलती रहती थी। 16 मार्च को भी फोन पर चित्रा ने अंकित को एटा बस स्टैंड पर बुलाया था।
यहीं पर चित्रा ने अंकित को कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर जहर दे दिया। कुछ देर बातचीत के बाद प्रेमिका चित्रा अपने घर चली गई। कुछ देर बाद अंकित की तबीयत बिगड़ने लगी तो, अंकित बस में सवार होकर मैनपुरी के लिए चला गया। जब तबीयत ज्यादा खराब हुई तो अंकित ने घर पर भाई को फोन किया और बताया कि उसे कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाकर पिला दिया है। इस कारण उसकी तबीयत बिगड़ रही है। अंकित को मैनपुरी के जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया, यहां उसकी मौत हो गई थी।
]]>जानकारी के अनुसार, यह घटना देहात थाना क्षेत्र के पास एक भगतनगर गांव की है। यहां एक 45 साल की महिला के सीने में उसके नाबालिग बेटे ने पिता की लाइसेंसी बंदूक से गोली मार दी। इससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना की जानकारी होते ही देहात थाना पुलिस मौके पर पहुंची और नाबालिग को पकड़ लिया। इसके बाद एफएसएल टीम के साथ एएसपी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस का कहना है कि नाबालिग के पिता इलाहाबाद बैंक में सिक्योरिटी गार्ड थे। पुलिस ने मौके से 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक सहित दो कारतूस बरामद किए हैं, वहीं शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आरोपी पुलिस की अभिरक्षा में है।
]]>इन स्मार्टफोन्स के लॉन्च इवेंट को आप कंपनी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स पर लाइव देख सकते हैं। इस सीरीज में आपको 200MP का कैमरा लेंस मिलेगा। इसके अलावा आपको 120W की फास्ट चार्जिंग और दूसरे फीचर्स मिलेंगे। इस स्मार्टफोन में हमें ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप देखने को मिलेगा, जिसका मेन लेंस 48MP का होगा। इसके अलावा फोन Qualcomm Snapdragon 4 Gen 1 प्रोसेसर के साथ आएगा। इसमें 33W की फास्ट चार्जिंग, 120Hz रिफ्रेश रेट वाला Super AMOLED डिस्प्ले और दूसरे खास फीचर्स मिलेंगे।
Note 12 Pro Plus 5G में 200MP + 8MP + 2MP का ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप मिलेगा। हैंडसेट 5000mAh की बैटरी के साथ आएगा। स्मार्टफोन को पावर देने के लिए 120W की फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट मिलेगा। इसकी कीमत 25 से 30 हजार रुपये के बीच हो सकती है।
]]>बता दें कि 67 साल के रोजर बिन्नी बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए अकेले उम्मीदवार थे। उनके अलावा किसी ने नामांकन नहीं किया था। ऐसे में रोजर बिन्नी को निर्विरोध बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुना गया है। पदाधिकारियों का यह चुनाव सिर्फ एक औपचारिकता ही थी, क्योंकि इनका निर्विरोध चुना जाना तय था। रोजर बिन्नी कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। मगर अब बीसीसीआई अध्यक्ष बनते ही वह इस पद को छोड़ देंगे।
बिन्नी अपने जमाने के मिडियम पेस बॉलर रहे हैं। उन्होंने 1983 के वर्ल्ड कप में 8 मैच खेले थे, जिसमें सबसे ज्यादा 18 विकेट लिए थे। रोजर बिन्नी ने 1979-87 के दौरान भारत के लिए 27 टेस्ट और 72 वनडे इंटरनेशनल मैचों में भाग लिया। उन्होंने साल 1979 में पाकिस्तान के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट के जरिए अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था। बिन्नी ने टेस्ट करियर में 3.63 के औसत से 47 विकेट लिए। वहीं वनडे इंटरनेशनल में उनके नाम पर 29.35 के एवरेज से 77 विकेट दर्ज हैं। रोजर बिन्नी बल्ले से भी काफी योगदान देने में माहिर थे। उनके नाम पर टेस्ट में 830 और वनडे इंटरनेशनल में 629 रन दर्ज हैं।
]]>आचार्यश्री ने कहा कि जो नीचे से उठना नहीं जानता,सिर्फ ऊपर उड़ना जानता है उसे बोध नहीं है कि पक्षी भी उड़ान नीचे से भरता है। विमान आसमान में उड़ता है लेकिन उड़ान नीचे से भरता है। दृढ़ संकल्पी व्यक्ति बाधाओं से घबराता नहीं है,जो घबराता नहीं है उसका विकास होता है। हार मानने वालों की जीत नहीं होती,कोशिश करने वालों की जीत होती है। जीवन में किसी भी पल कोशिश नहीं छोड़ना चाहिए,पुरुषार्थ करते रहना चाहिए। पुरुषार्थ करते रहोगे तो उन लोगों में नाम नहीं लिखा जाएगा जो प्रमादी है,उन लोगों में नाम लिखा है जाएगा जो पुरुषार्थी थे।
आचार्यश्री ने धर्मसभा में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से कहा कि ऐसा जीवन जीना कि सीट रहे न रहे लेकिन सम्मान की सीट कभी न छूटे। ऐसा जीवन मत जीना कि तुम्हारे सीट से उतरने के बाद लोग देखना पसंद न करें। जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा हो तो समझ जाना चाहिए आपका सम्मान नहीं था,आपके भय का सम्मान था। विश्व में जिन जिन लोगों ने क्रूरता फैलाई है वे देश में राज तो कर पाए लेकिन दिलों में राज नहीं कर पाए।
जीवन जीने का तरीका बदलो तकदीर बदल जाएगी : मुनिश्री साम्य सागर जी
मुनिश्री साम्य सागर जी ने कहा कि तरीका बदलते ही तकदीर बदल जाती है, भाग्य बदल जाता है। जो अपना ढंग नहीं बदल पाते उनकी तकदीर नहीं बदल पाती है। प्रभु महावीर स्वामी ने अपने जीवन जीने का तरीका बदला तो उनका जीवन बदल गया। आज पूरा विश्व,3 लोक उन्हें नमस्कार करता है। आज हम धर्मसभा में प्रवचन सुन रहे लेकिन अपने जीवन में नहीं उतारे तो कोई लाभ नहीं होगा। हमें जीवन को बदलना है तो तरीका बदलना पड़ेगा। आपका शत्रु क्रोध, मान, माया, लोभ आपके भीतर में है और आपका मित्र आपकी आत्मा भी आपके पास है। संसार में जो शत्रु व मित्र मिलते हैं वे इस पर्याय के ही हैं ये आपको छोड़कर चले जाएंगे और आप भी उनको छोड़कर चले जाएंगे। सच्चा मित्र आपकी आत्मा है और आपके पास है,जिसकी खोज अब तक आपने नहीं की है।
गुरु भक्तों ने आचार्यश्री को अर्घ्य समर्पित कर लिया आशीर्वाद
मंच संचालक पंडित अजीत शास्त्री ने बताया कि आज धर्मसभा में शैलेश नितिन त्रिवेदी चेयरमैन पाठ्य पुस्तक निगम, विधायक कुलदीप जुनेजा, कुलदीप जैन डीजीपी 226 बटालियन सुकमा,संजीव सिंह कुशवाहा विधायक भिंड,राजेश शुक्ला विधायक बिजावर,मुकेश जैन बडेरी अध्यक्ष महासभा जैन कॉलेज, अमित जैन,मनोज जैन पार्षद,किशन सोनी पार्षद, रवि सेन भिंड ने आचार्यश्री के प्रवचन का लाभ लिया। सभी अतिथियों ने धर्मसभा में दीप प्रज्वलित किया। आचार्यश्री को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद लिया। विशुद्ध वर्षा योग समिति 2022 के अध्यक्ष प्रदीप पाटनी,संरक्षक सुधीर बाकलीवाल, शंकर नगर दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष ने सभी अतिथियों का सम्मान किया। सुनील कुमार जैन ने आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन व स्वतंत्र जैन ने शास्त्र भेंट कर आशीर्वाद दिया। भिंड,पन्ना, औरंगाबाद,तामसा, दुर्ग,लखनादोन, अहमदाबाद,भीलवाड़ा, बडेरी सहित बाहर से आए गुरु भक्तों ने आचार्यश्री को श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम के पश्चात जिनवाणी मां की स्तुति का पाठ व अर्घ्य पठन किया गया। सभी गुरु भक्तों ने आचार्यश्री को अर्घ्य समर्पित कर आशीर्वाद लिया।
]]>आचार्यश्री ने धर्मसभा में कहा कि कलयुग में सबसे बड़ा तप स्वाध्याय है। सभी को जीवन में स्वाध्याय करना चाहिए। जिनकी घनघोर तपस्या है उतना घनघोर आध्यात्म जीवन होना चाहिए। जीवन के स्वाहा होने से पहले आगम ग्रंथों का अवलोकन और अध्ययन करना चाहिए। वे लोग पुण्य क्षीण हैं जिनका मंदिर का नाम सुनकर पैर टूट जाए, गुरु के दर्शन लिए आंख फूट जाए, अभिषेक करने के भाव आते ही हाथ टूट कर गिर जाए,जिनवाणी के स्वाध्याय के लिए बुद्धि भ्रष्ट हो जाए। जिनको वंदना के भाव,आगम समझने का विवेक, गुरु चरणों में पहुंचने के भाव आ जाएं, जिनवाणी पढ़ने के लिए आंखें खुल जाए व बुद्धि मचल जाए ऐसे लोग संसार में सर्वश्रेष्ठ पुण्यात्मा जीव है।
आचार्यश्री ने कहा कि कर्म क्षय के लिए तपने का नाम तप है,जहां इच्छाओं का निरोध है उसका नाम तप है, जहां विषय कषायों का दमन,इंद्रिय विषय कषायों का नियंत्रण, ध्यान व स्वाध्याय की लीनता, निर्वेग भाव है,इससे युक्त आत्मा को जो भाता है उसका नाम उत्तम तप धर्म है। धन्य है मुनिराज जिन्होंने भोगों की भट्टी में न जाकर योग को धारण किया। जब तक शरीर स्वस्थ है उपवास भी होगा विहार भी होगा। वृद्ध अवस्था में खड़े भी नहीं रहा जाता तो उपवास और विहार कैसे होगा। मुनि दीक्षा लेना प्रायश्चित है, कोटि-कोटि भवों में जिन विषय भोगों की ज्वाला की भट्टी में झुलसे थे,उन पापों का प्रायश्चित दिगंबर दीक्षा में होता है। इंद्रिया स्वस्थ है तब तक तपस्या कर लो,वृद्ध अवस्था में कुछ नहीं कर पाओगे, वृद्ध अवस्था में केवल समाधि की तपस्या होती है।
आचार्यश्री ने कहा कि अनशन पहला तप है। चारों प्रकार के भोजन पानी का त्याग कर देना अनशन तप है। मुनिराजों की तपस्या को नमन है जो 56 प्रकार के भोजन लगने के बाद भी छोड़ कर चले जाते हैं। जबकि भोजन के समय लोगों की जीभ लपलपाती है। मुनिराजों का ऐसा अनशन तप कि सूर्य तप रहा है,धरती झुलस रही है, पेट में ज्वाला फूट रही है तब भी स्वाध्याय के बल पर तपस्वी तपस्या कर रहा है, इसलिए सबसे पहले अनशन तप है। जिनकी रसना नियंत्रित होगी वह शेष तपस्या कर सकता है। भूख से कम खाना चाहिए हमेशा स्वस्थ रहोगे,ये ऊनोदर तप है।
सब छोड़कर अपनी स्व आत्मा में लीन होना ही मुक्ति है : मुनिश्री यत्न सागर जी
मुनिश्री यत्न सागर जी ने कहा कि आचार्य भगवंतों ने मुक्ति प्राप्ति के लिए धर्म का स्वरूप कहा है। जो संसार में मुक्ति व भुक्ति चाहते हैं वे प्रभु भक्ति से गुरु भक्ति में लीन हो जाएं। एक दिन ऐसा आता है जब सब कुछ छोड़ कर अपनी स्व आत्मा में लीन होना है मुक्ति है। सत्यार्थ जो है वह धर्म है, धर्म करने का विषय नहीं है, धर्म स्वीकार करने का विषय है। जैसे पानी को शीतलता लानी नहीं पड़ती,अग्नि को उष्णता लानी नहीं पड़ती, ऐसे ही जीव को ज्ञानदर्शन कहीं से लाना नहीं पड़ता, क्षमा आदि गुण कहीं से लाना नहीं पड़ता। जो वस्तु कहीं से लानी पड़ती है वह धर्म नहीं होती। जैसे क्षमा आती नहीं क्रोध आता है और जो आता है वह मेरा होता नहीं,जो मेरा होता है उसे कहीं से लाया नहीं जाता है। पानी को उष्ण करना है तो अग्नि का ससंयोग चाहिए लेकिन पानी को शीतल करना है तो कुछ नहीं चाहिए। पानी को चूल्हे से उतारकर नीचे रख दो तो समय में पानी अपने स्वभाव में आ जाता है।
गुरु भक्तों ने आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन और शास्त्र भेंट कर लिया आशीर्वाद
विशुद्ध वर्षा योग समिति के अध्यक्ष प्रदीप पाटनी और महामंत्री राकेश बाकलीवाल ने बताया कि आज मंगलाचरण प्रितेश जैन वरायठा ने किया। दीप प्रज्वलन हरदा,भोपाल, शहडोल, ग्वालियर, गुडगांव, करनाल,पुणे, गाजियाबाद, दिल्ली,मुंबई, नोएडा, कोलकाता, जबलपुर के भक्तगण एवं रौनक पापड़ीवाल गया ने किया। आज श्रीजी के अभिषेक के पुण्यार्जक धर्मचंद उषा जी गंगवाल रायपुर,राजकुमार जैन बिलासपुर,देवकुमार, दिलीप, प्रदीप, प्रवीण, वरुण, तरुण, जावर हैं। शांतिधारा के पुण्यार्जक रतनचंद जी अतुल कुमार अतिशय जैन भिंड, माया संजय जैन वैशाली नगर, मुन्नी जैन दिनेश जैन फाफाडीह,किरण, पवन, अमित, अखिल,आशीष समस्त मुंगेली परिवार,बंशीलाल सन्मति टैगोर नगर हैं। अभिषेक व शांतिधारा करने वाले पुण्यार्जकों एवं नरेंद्र गुरुकृपा रायपुर ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। नरेंद्र गुरुकृपा आचार्य गुरुवर 108 विराग सागर जी के दीक्षित सम्पूर्ण संघ का आगामी 2023 में यति सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। आचार्यश्री को शास्त्र भेंट रीना महेंद्र कुमार अजमेरा परिवार हरदा,विमला बेन छिंगेलाल जैन अहमदाबाद, पर्व,मुकेश, शिल्पी पंचोली परिवार तिलक नगर इंदौर,ब्रजपुर समाज ने किया। आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन अक्षर जैन विमला जैन उज्जैन ने किया। कार्यक्रम का संचालन अरविंद जैन और दिनेश काला ने किया। कार्यक्रम के अंत में जिनवाणी मां की स्तुति और अर्घ्य पठन किया गया।
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टीम इंडिया 16 साल बाद राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने में सफल हुई है। भारत ने 2002 में स्वर्ण और 2006 में रजत पदक अपने नाम किया था। भारत को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने पेनल्टी शूटआउट में 3-0 से हराया था। निर्धारित 60 मिनट तक स्कोर 1-1 था। यहां भी मैच पेनल्टी शूटआउट तक पहुंचा, लेकिन इस बार महिला टीम ने कोई गलती नहीं की।
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]]>मुख्य अतिथि यशवंत कुमार चौधरी संयोजक, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा ईकाई सरायपाली ने बताया कि विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित त्रासदी के रुप में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम के प्रयोग को हम कभी भी भूल नहीं सकेंगे। इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों ने हमारे इतिहास पर एक बड़ा काला धब्बा लगा दिया है। भविष्य में मनुष्यों द्वारा मनुष्यों के विनाश का ऐसा प्रयोग न हो इसलिए विद्यार्थियों, नौजवानों, जनमानस के बीच हम हिरोशिमा दिवस आयोजित कर उन्हें मानव निर्मित त्रासदियों के दुष्परिणामों के बारे में बताते हुए सारी दुनियां में शांति और भाईचारे के लिए अपील कर रहे हैं। यह सुंदर दुनियां हम सबकी है। यहां युद्ध नहीं शांति की जरूरत है ताकि हम सब अमन चैन से रहते हुए, प्रकृति प्रदत्त नैसर्गिक संसाधनों का उपयोग मिल बांटकर अपने और दूसरों के जीवन को सुखी बनाने के लिए कर सकें। I am a global citizen की भावना के साथ कार्य – व्यवहार से वैश्विक शांति की ओर कदम बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया गया|
छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा – जो वैज्ञानिक सोच के प्रचार- प्रसार के लिए कार्यरत एक स्वंयसेवी संगठन है- छत्तीसगढ़ और अन्य प्रदेशों में भी पिछले चार दशकों से विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का काम कर रही है। “लोक विज्ञान,पर्यावरण सुधार, संतुलित विकास” की थीम के साथ हम निरंतर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच कर वैज्ञानिक मुद्दों – अंधविश्वास से मुक्ति, खगोल विज्ञान- स्काईवाचिंग, औषधीय पौधों की खोजयात्रा, नेचर केम्प, वन्य पशु – पक्षी, सरीसृप, लघुवनोपज प्रसंस्करण, वैज्ञानिकों से बातचीत, खगोलिय घटनाओं की समझ – सूर्य और चन्द्र ग्रहण की समझ,संतुलित खेती, जल प्रबंधन, आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स,सामान्य रोग आदि के साथ समसामयिक विषयों पर कार्यक्रम आयोजन, गोष्ठी, व्याख्यान, प्रशिक्षण, कार्यशाला और लोगों से बातचीत करने की कोशिशें करते हैं।
हिरोशिमा दिवस का आयोजन कर युद्धों की विभिषिका को उजागर करते हुए लोगों को विश्व शांति के लिए प्रोत्साहित करने,स्वयं संकल्पित होने की जरूरत पर बल दिया। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के माध्यम से आज हिरोशिमा परमाणु बम त्रासदी को याद करने के लिए आफलाइन बातचीत/ व्याख्यान,फिल्म शो,वाद-विवाद प्रतियोगिता,आफलाइन क्वीज,पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग,निबंध लेखन आदि का आयोजन जागरूकता हेतु विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है ।इतिहास विषय के प्राध्यापक रमेश कुमार पटेल ने हिरोशिमा दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर सविस्तार क्रमिक जानकारी देते हुए द लिटिल बॉय के परिपेक्ष्य में अपना विचार प्रकट किए.वाणिज्य प्रोफेसर अंजना लकड़ा ने हिरोशिमा परमाणु बम त्रासदी से जीडीपी एवं आर्थिक विकास में होने वाले परिवर्तन एवं प्रभाव के सम्बंध में उद्बोधन दिया। प्रभारी प्राचार्य अनिता पटेल ने नाभिकीय संलयन एवं नाभिकीय विखण्डन के माध्यम से इस घटना का सटीकता से वर्णन किया। एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर कमला दीवान ने हिरोशिमा त्रासदी और व्यापक सेवा सहयोग कार्य का वर्णन किया। आई क्यु एस सी समन्वयक एवं कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर गजानंद नायक ने कार्यक्रम का प्रभावी संचालन करते हुए वीडियो क्लिप प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए हिरोशिमा दिवस के सन्दर्भ में सारगर्भित जानकारी दी। प्रोफेसर किरण कुमारी ने हिरोशिमा की घटना का जिक्र करते हुए वैश्विक प्रभाव पर विचार व्यक्त किया एवं आभार प्रदर्शन किया।
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