Health Tips: सेहत के लिए फायदेमंद है चुकंदर, पर ऐसे लोगों को नहीं करना चाहिए सेवन! हो सकते हैं दुष्प्रभाव

2

नई दिल्ली। चुकंदर को हमारी सेहत के लिए विशेषज्ञ कई प्रकार से लाभदायक मानते हैं। चुकंदर फोलेट (विटामिन बी9) से भरपूर होता है जो कोशिकाओं को बढ़ने और बेहतर कार्य करने में मदद करता है। फोलेट रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है। इसमें प्राकृतिक रूप से नाइट्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल जाती है, यह रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ स्थितियों में चुकंदर का सेवन करना आपकी सेहत से संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है। विशेषकर जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की समस्या बनी रहती है उन्हें चुकंदर के सेवन से बचना चाहिए। आइए जानते हैं कि चुकंदर खाने के क्या संभावित दुष्प्रभाव हो सकते हैं?

किडनी स्टोन का बढ़ सकता है खतरा
क्लिनिकल न्यूट्रिशन रिसर्च के अनुसार, चुकंदर ऑक्सालेट से भरपूर होता है जिसका अधिक सेवन किडनी में पथरी बनने का खतरा बढ़ा सकता है। यदि आपको पहले से पथरी है तो इसे खाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

चुकंदर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है अधिक
चुकंदर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 61 होता है, ऐसे में डायबिटीज में चिकित्सक इसे बहुत कम मात्रा में ही खाने की सलाह देते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि डायबिटीज के रोगियों को 55 से अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों से परहेज करना चाहिए, ये तेजी से ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा देती हैं। डायबिटीज रोगियों में अक्सर हीमोग्लोबिन की समस्या देखने को मिलती है, चुकंदर इस कमी के लिए तो फायदेमंद हो सकता है पर इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

लो ब्लड प्रेशर का बन सकता है कारण
जिन लोगों का ब्लड प्रेशर अक्सर लो रहता है उनके लिए चुकंदर खाना हानिकारक हो सकता है, चुकंदर के सेवन से ब्लड प्रेशर और भी कम हो जाता है। चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट शरीर के भीतर नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को आराम देने और रक्त को पतला करने में मदद करता है, जिससे रक्तचाप कम होता है। ऐसे में पहले से ही लो ब्लड प्रेशर के शिकार लोगों की इससे समस्या बढ़ सकती है।

गर्भवती भी बरतें सावधानी
चुकंदर में नाइट्रेट की मात्रा गर्भवती महिलाओं के लिए भी समस्या बढ़ा सकता है, गर्भवती महिलाएं नाइट्रेट के प्रभाव के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। यह गर्भावस्था के बाद के चरण के दौरान रक्त में मेथेमोग्लोबिन के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है। इसके कारण ऊर्जा की कमी, सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों, मुंह, होंठ, हाथ और पैरों के आसपास की त्वचा का नीला-ग्रे पड़ जाने जैसी समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान आहार को लेकर विशेषज्ञों की सलाह लेते रहना आवश्यक हो जाता है।


Deprecated: ltrim(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home3/ckjpbpmy/public_html/wp-includes/wp-db.php on line 3031

Deprecated: ltrim(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home3/ckjpbpmy/public_html/wp-includes/wp-db.php on line 3031