बलौदा कालेज में हिरोशिमा दिवस पर वैश्विक शांति – एकता के लिए व्याख्यान का आयोजन..

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सरायपाली छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष विश्वास मेश्राम एवं राज्य सचिव यशवंत कुमार सोना के संयुक्त निर्देशन में 6 अगस्त 2022 को डॉ. भीमराव अम्बेडकर शासकीय महाविद्यालय बलौदा विकासखंड सरायपाली जिला महासमुंद में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के संयुक्त तत्वावधान में “हिरोशिमा दिवस” के रूप मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में संयोजक छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा ईकाई सरायपाली के संयोजक यशवंत कुमार चौधरी एवं अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर अनिता पटेल एवं विशिष्ट अतिथि वक्ता के रूप में प्रोफेसर रमेश कुमार पटेल,प्रोफेसर गजानंद नायक, प्रोफेसर किरण कुमारी, प्रोफेसर कमला दीवान, प्रोफेसर अंजना लकड़ा उपस्थित रहे। साथ ही कार्यक्रम में एलुमनी एसोसिएशन के सचिव तुलसी प्रसाद यादव, पालक सदस्य उद्धव के साथ महाविद्यालय के विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।

मुख्य अतिथि यशवंत कुमार चौधरी संयोजक, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा ईकाई सरायपाली ने बताया कि विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित त्रासदी के रुप में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम के प्रयोग को हम कभी भी भूल नहीं सकेंगे। इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों ने हमारे इतिहास पर एक बड़ा काला धब्बा लगा दिया है। भविष्य में मनुष्यों द्वारा मनुष्यों के विनाश का ऐसा प्रयोग न हो इसलिए विद्यार्थियों, नौजवानों, जनमानस के बीच हम हिरोशिमा दिवस आयोजित कर उन्हें मानव निर्मित त्रासदियों के दुष्परिणामों के बारे में बताते हुए सारी दुनियां में शांति और भाईचारे के लिए अपील कर रहे हैं। यह सुंदर दुनियां हम सबकी है। यहां युद्ध नहीं शांति की जरूरत है ताकि हम सब अमन चैन से रहते हुए, प्रकृति प्रदत्त नैसर्गिक संसाधनों का उपयोग मिल बांटकर अपने और दूसरों के जीवन को सुखी बनाने के लिए कर सकें। I am a global citizen की भावना के साथ कार्य – व्यवहार से वैश्विक शांति की ओर कदम बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया गया|

छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा – जो वैज्ञानिक सोच के प्रचार- प्रसार के लिए कार्यरत एक स्वंयसेवी संगठन है- छत्तीसगढ़ और अन्य प्रदेशों में भी पिछले चार दशकों से विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का काम कर रही है। “लोक विज्ञान,पर्यावरण सुधार, संतुलित विकास” की थीम के साथ हम निरंतर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच कर वैज्ञानिक मुद्दों – अंधविश्वास से मुक्ति, खगोल विज्ञान- स्काईवाचिंग, औषधीय पौधों की खोजयात्रा, नेचर केम्प, वन्य पशु – पक्षी, सरीसृप, लघुवनोपज प्रसंस्करण, वैज्ञानिकों से बातचीत, खगोलिय घटनाओं की समझ – सूर्य और चन्द्र ग्रहण की समझ,संतुलित खेती, जल प्रबंधन, आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स,सामान्य रोग आदि के साथ समसामयिक विषयों पर कार्यक्रम आयोजन, गोष्ठी, व्याख्यान, प्रशिक्षण, कार्यशाला और लोगों से बातचीत करने की कोशिशें करते हैं।

हिरोशिमा दिवस का आयोजन कर युद्धों की विभिषिका को उजागर करते हुए लोगों को विश्व शांति के लिए प्रोत्साहित करने,स्वयं संकल्पित होने की जरूरत पर बल दिया। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के माध्यम से आज हिरोशिमा परमाणु बम त्रासदी को याद करने के लिए आफलाइन बातचीत/ व्याख्यान,फिल्म शो,वाद-विवाद प्रतियोगिता,आफलाइन क्वीज,पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग,निबंध लेखन आदि का आयोजन जागरूकता हेतु विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है ।इतिहास विषय के प्राध्यापक रमेश कुमार पटेल ने हिरोशिमा दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर सविस्तार क्रमिक जानकारी देते हुए द लिटिल बॉय के परिपेक्ष्य में अपना विचार प्रकट किए.वाणिज्य प्रोफेसर अंजना लकड़ा ने हिरोशिमा परमाणु बम त्रासदी से जीडीपी एवं आर्थिक विकास में होने वाले परिवर्तन एवं प्रभाव के सम्बंध में उद्बोधन दिया। प्रभारी प्राचार्य अनिता पटेल ने नाभिकीय संलयन एवं नाभिकीय विखण्डन के माध्यम से इस घटना का सटीकता से वर्णन किया। एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर कमला दीवान ने हिरोशिमा त्रासदी और व्यापक सेवा सहयोग कार्य का वर्णन किया। आई क्यु एस सी समन्वयक एवं कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर गजानंद नायक ने कार्यक्रम का प्रभावी संचालन करते हुए वीडियो क्लिप प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए हिरोशिमा दिवस के सन्दर्भ में सारगर्भित जानकारी दी। प्रोफेसर किरण कुमारी ने हिरोशिमा की घटना का जिक्र करते हुए वैश्विक प्रभाव पर विचार व्यक्त किया एवं आभार प्रदर्शन किया।


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