जो शीघ्र लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं उनके निर्णय कभी सत्य नहीं हो पाते : आचार्यश्री विशुद्ध सागर जी महाराज

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रायपुर। सिंधु पैलेस शंकर नगर में ससंघ विराजित आचार्यश्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने शुक्रवार को धर्मसभा में कहा कि शीघ्रता की प्राप्ति का लक्ष्य जिनके पास है,उनके निर्णय सत्य नहीं होते हैं। जो बहुत जल्दी बहुत ऊंचाइयां को पाने की चाहत रखते हैं उनके कदम मजबूत नहीं होते हैं। जितने ऊंचाइयों को हासिल करने के परिणाम हैं,उतनी पुरुषार्थ की नींव मजबूत होनी चाहिए। किसी भी क्षेत्र में जिन लोगों ने मात्र ऊंचाइयां देखी है वे पक्षी बनकर भवन के शिखर पर बैठ सकते हैं लेकिन भवन के सम्राट नहीं बन सकते। सम्राट बनने के लिए ऊंचाई नहीं चाहिए नीचे से उठना पड़ेगा।

आचार्यश्री ने कहा कि जो नीचे से उठना नहीं जानता,सिर्फ ऊपर उड़ना जानता है उसे बोध नहीं है कि पक्षी भी उड़ान नीचे से भरता है। विमान आसमान में उड़ता है लेकिन उड़ान नीचे से भरता है। दृढ़ संकल्पी व्यक्ति बाधाओं से घबराता नहीं है,जो घबराता नहीं है उसका विकास होता है। हार मानने वालों की जीत नहीं होती,कोशिश करने वालों की जीत होती है। जीवन में किसी भी पल कोशिश नहीं छोड़ना चाहिए,पुरुषार्थ करते रहना चाहिए। पुरुषार्थ करते रहोगे तो उन लोगों में नाम नहीं लिखा जाएगा जो प्रमादी है,उन लोगों में नाम लिखा है जाएगा जो पुरुषार्थी थे।

आचार्यश्री ने धर्मसभा में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से कहा कि ऐसा जीवन जीना कि सीट रहे न रहे लेकिन सम्मान की सीट कभी न छूटे। ऐसा जीवन मत जीना कि तुम्हारे सीट से उतरने के बाद लोग देखना पसंद न करें। जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा हो तो समझ जाना चाहिए आपका सम्मान नहीं था,आपके भय का सम्मान था। विश्व में जिन जिन लोगों ने क्रूरता फैलाई है वे देश में राज तो कर पाए लेकिन दिलों में राज नहीं कर पाए।

जीवन जीने का तरीका बदलो तकदीर बदल जाएगी : मुनिश्री साम्य सागर जी

मुनिश्री साम्य सागर जी ने कहा कि तरीका बदलते ही तकदीर बदल जाती है, भाग्य बदल जाता है। जो अपना ढंग नहीं बदल पाते उनकी तकदीर नहीं बदल पाती है। प्रभु महावीर स्वामी ने अपने जीवन जीने का तरीका बदला तो उनका जीवन बदल गया। आज पूरा विश्व,3 लोक उन्हें नमस्कार करता है। आज हम धर्मसभा में प्रवचन सुन रहे लेकिन अपने जीवन में नहीं उतारे तो कोई लाभ नहीं होगा। हमें जीवन को बदलना है तो तरीका बदलना पड़ेगा। आपका शत्रु क्रोध, मान, माया, लोभ आपके भीतर में है और आपका मित्र आपकी आत्मा भी आपके पास है। संसार में जो शत्रु व मित्र मिलते हैं वे इस पर्याय के ही हैं ये आपको छोड़कर चले जाएंगे और आप भी उनको छोड़कर चले जाएंगे। सच्चा मित्र आपकी आत्मा है और आपके पास है,जिसकी खोज अब तक आपने नहीं की है।

गुरु भक्तों ने आचार्यश्री को अर्घ्य समर्पित कर लिया आशीर्वाद

मंच संचालक पंडित अजीत शास्त्री ने बताया कि आज धर्मसभा में शैलेश नितिन त्रिवेदी चेयरमैन पाठ्य पुस्तक निगम, विधायक कुलदीप जुनेजा, कुलदीप जैन डीजीपी 226 बटालियन सुकमा,संजीव सिंह कुशवाहा विधायक भिंड,राजेश शुक्ला विधायक बिजावर,मुकेश जैन बडेरी अध्यक्ष महासभा जैन कॉलेज, अमित जैन,मनोज जैन पार्षद,किशन सोनी पार्षद, रवि सेन भिंड ने आचार्यश्री के प्रवचन का लाभ लिया। सभी अतिथियों ने धर्मसभा में दीप प्रज्वलित किया। आचार्यश्री को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद लिया। विशुद्ध वर्षा योग समिति 2022 के अध्यक्ष प्रदीप पाटनी,संरक्षक सुधीर बाकलीवाल, शंकर नगर दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष ने सभी अतिथियों का सम्मान किया। सुनील कुमार जैन ने आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन व स्वतंत्र जैन ने शास्त्र भेंट कर आशीर्वाद दिया। भिंड,पन्ना, औरंगाबाद,तामसा, दुर्ग,लखनादोन, अहमदाबाद,भीलवाड़ा, बडेरी सहित बाहर से आए गुरु भक्तों ने आचार्यश्री को श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम के पश्चात जिनवाणी मां की स्तुति का पाठ व अर्घ्य पठन किया गया। सभी गुरु भक्तों ने आचार्यश्री को अर्घ्य समर्पित कर आशीर्वाद लिया।


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